ब्लॉगिंग के भविष्य पर संदेह | Future of blogging

तेजी से बदलती तकनीक के जमाने में Bloggers और ब्लॉगिंग की शुरुआत करने के बारे में सोच रहे भविष्य के ब्लॉगर्स के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि ब्लॉगिंग का भविष्य कैसा रहेगा। इस आर्टिकल में चर्चा करते हैं कि ब्लॉगिंग का भविष्य क्या हो सकता है। पोस्ट के अंत में दिए गए कमेंट बॉक्स से आप भी इस बारे में अपने विचार साझा कर सकते हैं।

ब्लॉगिंग के भविष्य पर संदेह के कारण

ब्लॉगिंग में लोगों की रुचि बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। कुछ लोग अपनी हॉबी के तौर पर तो कुछ प्रोफेशन के तौर पर ब्लॉगिंग करते हैं। लोगों ने ब्लॉगिंग से पैसा भी बहुत कमाया है और ब्लॉगिंग ने बहुत से लोगों का अच्छा कैरियर बनाया है।

अब अचानक ब्लॉगिंग और इससे होने वाली कमाई के भविष्य को लेकर लोगों के मन में संदेह बहुत बढ़ गया है। इस संदेह के कई कारण हैं, जिनमें मुख्य कारण हैं-

  • वीडियो कंटेंट का बढ़ता हुआ क्रेज
  • ChatGPT और Bard जैसे Artificial Intelligence टूल्स
  • ब्लॉगर्स की तेजी से बढ़ती हुई संख्या के कारण आपसी कंपटीशन

तो आगे के पोस्ट में ब्लॉगिंग (Blogging) के भविष्य पर संदेह के इन मुख्य कारणों पर थोड़ा विस्तार में चर्चा करते हैं और समझते हैं कि ये ब्लॉग्स (Blogs) के लिए सच में कितने हानिकारक है और कितने नहीं।

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वीडियो कंटेंट का बढ़ता हुआ क्रेज

Video content creation

ब्लॉगिंग और वीडियो दोनों, कंटेंट क्रिएटरों को अपने विचारों, ज्ञान, अनुभव और अपनी कहानियों को शेयर करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। जहां वे विभिन्न विषयों पर अपने दर्शकों/ पाठकों के साथ अपने विचारों को साझा कर सकते हैं। बीते कुछ समय में वीडियो कंटेंट बहुत तेजी से बढ़ा है और लोग इसका उपभोग भी बहुत तेजी से कर रहे हैं। पहले Tiktok और उसके बाद Youtube shorts व Insta reels के आने के बाद तो इन्टरनेट पर वीडियो कंटेंट की बाढ सी आ गई है।

इतनी तेजी से बढ़ते वीडियो कंटेंट और उसके उपभोग ने ब्लॉगिंग के भविष्य को लेकर संदेह उत्पन्न किया है। वैसे जहां तक मेरा मानना है, बढ़ते हुए इस वीडियो कंटेंट का ब्लॉगिंग पर कुछ हद तक प्रभाव पड़ सकता है।

लिखित ब्लॉग के लिए सकारात्मक पक्ष

  • वीडियो सामग्री और लिखित सामग्री के अपने अलग-अलग उपभोक्ता हैं।
  • वीडियो में लोगों को साफ दिखता है कि कोई भी, किसी भी विषय पर, कुछ भी कंटेंट बना दे रहा है। इसमें गलत और तोड़ मरोड़ कर पेश की गई काफी जानकारियां पकड़ में आती हैं। इस कारण किसी भी विषय पर भरोसेमंद जानकारी प्राप्त करने के लिए लिखित सामग्री ही लोगों की प्राथमिकता रहेगी।
  • लोगों की रुचि मुख्यतः Short videos में ज्यादा है। लेकिन अपनी समस्याओं या अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ सर्च करना हो तो written content अधिक प्रभावी और भरोसेमंद लगता है।

लिखित ब्लॉग के लिए नकारात्मक पक्ष

  • मनोरंजन से जुड़े कंटेंट जैसे शायरी, कविताएं और कहानियां आदि के लिए लोग शायद लिखित से ज्यादा वीडियो सामग्री का उपभोग करें।
  • वीडियो कंटेंट क्रिएटर्स में कुछ लोग या कुछ चैनल अपने अलग-अलग विशेष क्षेत्रों से संबंधित कंटेंट को लेकर अपनी बहुत अच्छी विश्वसनीयता बना रहे हैं, यह लोग भी लिखित सामग्री बनाने वाले ब्लॉगर्स को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे।
  • लिखित कंटेंट की तुलना में वीडियो कंटेंट बनाना ज्यादा आसान होने व उसकी पहुंच अधिक लोगों तक होने के कारण कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या बहुत ज्यादा होती जा रही है।

ChatGPT जैसे Artificial intelligence (AI) का आना

AI technology representative image

हाल ही के समय में तेजी से आगे बढ़ती आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी ने ब्लॉगर्स के मन में सबसे ज्यादा संशय पैदा किया है। AI की बदौलत काम करने वाले चैट जीपीटी जैसे टूल्स को गूगल सर्च का विकल्प तक कहा जा रहा है। हालांकि सर्च इंजंस ने अपने सर्च के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया है, जिससे यह तो साफ है कि सर्च इंजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कोई लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे।

ब्लॉगर्स के लिए नकारात्मक पक्ष

  • जिस तेजी से ChatGPT को यूजर्स मिले हैं और लोगों ने इसे पसंद भी किया है, इससे यह संदेह सही जान पड़ता है कि यह ब्लॉग्स के विजिटर कम करेगा।
  • किसी विषय पर गूगल सर्च करके किसी वेबसाइट से आर्टिकल पढ़ने के बजाय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से उसके बारे में जानकारी लेना सुलभ लगता है।

ब्लॉगर्स के लिए सकारात्मक पक्ष

  • माना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ChatGPT) से किसी विषय पर जानकारी लेना सुलभ लगता है, लेकिन यह हमें कुछ भी सर्च करने पर एक आर्टिकल लिख देता है। जबकि सर्च इंजन हमें बहुत सी वेबसाइट्स के प्रीव्यू दिखाकर अपनी पसंद का विकल्प चुनकर वहां से पढ़ने का अवसर देता है, जो ज्यादा संतोषजनक और बेहतर है।
  • AI के लेखन में अभी कॉमन सेंस कि कमी और मानवीय अनुभूति कि कमी लगती है।

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ब्लॉगर्स की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण आपसी कंपटीशन

Competition between Bloggers

पिछले कुछ समय में ब्लॉगस की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। ब्लॉग्स बनाना तकनीकी रूप से सरल हुआ है और इंटरनेट पर, यूट्यूब आदि पर ब्लॉगिंग के बहुत से ट्यूटोरियल भी आ गए हैं। इसके अलावा कोरोना काल में भी ब्लॉगर्स की संख्या बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। ब्लॉगिंग के रूप में इंटरनेट पर मौजूद जानकारियां एक ऐसी स्थिति में पहुंच चुकी हैं, जहां से कुछ भी नया करना एक ब्लॉगर के लिए आसान नहीं है।

ब्लॉगर्स के लिए नकारात्मक पक्ष

  • इंटरनेट पर किसी भी विषय से संबंधित ब्लॉग्स बड़ी संख्या में पहले ही उपलब्ध हो चुके हैं।
  • इतना अधिक कंटेंट आ चुका है कि यह मार्केट सैचुरेट सा हो गया लगता है।

ब्लॉगर्स के लिए सकारात्मक पक्ष

  • यहां सकारात्मक पक्ष तो बस एक यही जान पड़ता है कि इस मार्केट में बढ़ते कंपटीशन के साथ-साथ इंटरनेट के उपभोक्ताओं की संख्या भी उसी तेजी से बढ़ी है।

ब्लाॅगिंग का भविष्य

ब्लॉगिंग के भविष्य पर संदेह पैदा करने वाले इन कारणों के बारे में विभिन्न आयामों से सोचने के बाद मैं अपनी राय रख रहा हूं। कोई भी एक अकेला कारण तो ऐसा नहीं दिखता, जो ब्लॉगिंग को खत्म कर रहा हो लेकिन लेकिन ऊपर समझे गए विभिन्न कारण मिलकर ब्लॉगिंग के मार्केट को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। वीडियो कंटेंट का ब्लॉगिंग पर कुछ बुरा प्रभाव पड़ा है लेकिन Artificial intelligence और ब्लागरों की बहुत बड़ी संख्या और इसके कारण Market saturation जैसी स्थिति के कारण ब्लॉगिंग में भविष्य में संभावनाएं बहुत कम दिखती हैं।

यदि आप आज के वक्त और भविष्य में ब्लॉगिंग की तुलना करना चाहते हैं, तो मेरे विचार से ब्लागिंग के साथ कुछ वैसा ही होने वाला है जैसा अब से पहले किताबों के साथ हो चुका है।

जो सफल Bloggers हैं उनके लिए ब्लॉगिंग करते रहना ठीक है। लेकिन यदि कोई इनकम के एक सोर्स के तौर पर या एक कैरियर ऑप्शन के तौर पर अब ब्लॉगिंग शुरू करना चाह रहा है, तो मुझे यह ठीक नहीं लगता।


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