Pointsman in Indian Railway
Pointsman भारतीय रेल को चलाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तो दोस्तों आज हम पॉइंट्स मैन के पद की बात करेंगे। जो की ऑपरेटिंग विभाग में स्टेशन मास्टर के बाद जमीनी स्तर पर काम करने वाला महत्वपूर्ण व्यक्ति है। यह स्टेशन मास्टर के असिस्टेंट के रूप में भी कार्य करता हैं।
स्टेशन पर ट्रेन को इंजन से जोड़ना तथा इंजन से अलग करना, ट्रेन को सिग्नल दिखाना इत्यादि बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य पॉइंट्स मैन के द्वारा किए जाते हैं। जहां एक ओर स्टेशन मास्टर पैनल रूम में बैठकर संचालन को सुचारू रूप से चलाता है, वहीं दूसरी ओर pointsman बाहर यार्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पॉइंट्समैन की ड्यूटी
पॉइंटसमेंन की ड्यूटी छोटे स्टेशनों पर 12-12 घंटे शिफ्ट के हिसाब से वहीं बड़े स्टेशनों की बात करें तो 8 घंटे की शिफ्ट के हिसाब से होती है। सप्ताह में एक दिन का विश्राम रहता है। इसके अलावा रेलवे के अन्य विभागों की तरह विभिन्न प्रकार की छुट्टियां ली जा सकती हैं जैसे, CL, LAP, Medical Leave आदि। स्टाफ अगर पर्याप्त संख्या में है। तो आसानी से अवकाश मिल जाता है। लेकिन जिन स्टेशनों पर स्टाफ की कमी है। वहां अवकाश मिलने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं।
पॉइंट्स मैन के कार्य
Pointsman के पद पर रहकर विभिन्न कार्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होता है, जैसे-
- स्टेशन मास्टर के अधीन सभी कार्य एवं बताए गए निर्देशों का पालन करना।
- सभी प्रकार के शंटिंग कार्य करना।
- रोड साइड स्टेशनों पर ट्रेन के लोको पायलट एवं गार्ड के लाइन बॉक्स को उतारना एवं चढ़ाना।
- कॉशन ऑर्डर (चेतावनी आदेश)/ आउट रिपोर्ट आदि अन्य मेमो को स्टेशन मास्टर या यार्ड मास्टर से लेकर गार्ड या ड्राइवर को देना।
- प्वाइन्ट से बैलास्ट एवं गेट पर चक रेल को साफ करना।
- संरक्षा उपकरणों (Saftey instruments) को साफ व सुरक्षित रखना।
- ऑफ साइड आते हुए गाड़ी को सिग्नल दिखाना और LV/टेल बोर्ड को देखना।
- असामान्य स्थिति में गेट क्रैंक हैंडल, पॉइंट क्रैंक हैंडल एवं गाड़ियों को पायलट करना। (लोको पायलट के साथ लेकर चलना)
- ट्रेन इंटेक्ट एवं शंटिंग ऑर्डर पर गार्ड के हस्ताक्षर कराना।
- पैसेंजर ट्रेन से कैशबैक, अन्य पार्सल लगेज़, न्यूजपेपर आदि हेतु ब्रेक वैन अटेंड करना।
- बिना चार्ज दिए कार्य मुक्त नहीं होना है, चार्ज पूर्णतया फिजिकली देना हैं।
- ट्रैक सर्किट/सिग्नल/ब्लॉक उपकरण खराब होने पर विशेष ड्यूटी करना और लगातार सजग और सतत रहना।
- ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर द्वारा नामित ड्यूटी भी ड्यूटी लिस्ट में आएगी।
- ब्लॉक के दौरान आइसोलेटर खोलना एवं बन्द करना।
- ड्यूटी के दौरान पॉइंट फ्लैशिंग के मामले में तुरंत पॉइंट पर जाना।
- ट्रैक ड्रोप मामले में स्वयं ट्रैक का फिजिकल निरक्षण करना, कहीं ट्रैक फ्रैक्चर तो नहीं है यह देखना।
- लोड स्टेबल के दौरान गुटके एवं जंजीर बना ब्रेक करने एवं खोलने में गार्ड एवं लोको पायलट की सहायता करना।
- ट्रैफिक इंस्पेक्टर द्वारा काउंसलिंग में साइट पर जाकर क्रेंक हैंडल, आइसोलेटर, गेट क्रेंक हैंडल आदि का प्रशिक्षण लेना एवं स्वयं संचालित करके देखना।
- पॉइंट डिसकनेक्शन के दौरान पॉइंट पर सजग रहना एवं आवश्यकता अनुसार पॉइंट लॉक करना एवं खोलना।
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पॉइंट्स मैन का चयन
शुरुआती तौर पर पॉइंट्स मैन लेवल-1 (ग्रुप डी) के तहत चुने जाते जाते हैं। लेकिन इनकी पदोन्नति बहुत अच्छी होने के कारण जल्दी ही ग्रुप-सी में पहुंच जाते हैं। ईनकी भर्ती RRC के माध्यम से की जाती है। जो की पॉइंट्समैन-बी के पद पर होती है। इसके पश्चात इनकाे जोनल लेवल के ट्रेनिंग सेंटर पर भेजा जाता है। ट्रेनिंग पूरी होने के पश्चात इनको पेपर देना होता है। पेपर पास होने पर डीवीजन लेवल पर पोस्टिंग के आदेश जारी किए जाते हैं। पेपर में पास न होने की स्तिथि में फिर से ट्रेनिंग कराई जाती है।
पदोन्नति
लेवल-1 (Group-D) की भर्ती में चयन पाने वाले उम्मीदवारों में देखा जाता है कि उम्मीदवार पॉइंट्समैन का प्रीफरेन्स ज्यादातर ऊपर रखते हैं, जिसका कारण है इसका प्रमोशन चैनल। क्योंकि इस पोस्ट पर उम्मीदवार का मिनिमम सर्विस पीरियड होने पर प्रमोशन हो जाता है। हालांकि फिर भी पदोन्नति देना है या नहीं इसका निर्धारण डीविजन लेवल पर तय किया जाता है। जो की कुछ मापदंड ही तय करते हैं। पॉइंट्स मैन के निम्नलिखित प्रमोशन होते हैं-
पद | ग्रेड पे |
---|---|
पॉइन्टस मैन – बी | 1800 |
पॉइन्टस मैन – ए | 1900 |
शंटिंग जमादार | 2400 |
सीनियर शंटिंग जमादार | 2800 |
शंटिंग मास्टर | 4200 |
इसके अलावा समय-समय पर पॉइन्ट्स मैन को लिमिटेड डिपार्टमेंटल कॉमपेटेटिव एग्जाम की अपॉर्चुनिटी भी मिलती है। जो की गुड्स गार्ड व अन्य पदों के लिए होती है। इसमें सिर्फ रेलवे कर्मचारी ही परिक्षा दे सकते हैं।