रेलवे में हाल ही के दिनों में संरक्षा कोटी (Saftey Category) के कर्मचारियों की संख्या बढाने के लिए माननीय रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने निर्देश दिए थे। यह फैसला तब आया जब उड़ीसा के बालासोर में दुर्घटना के बाद कर्मचारियों की अपर्याप्त संख्या, कर्मचारियों पर अधिक कार्य का दबाव आदि समस्याओं की ओर सभी का ध्यान गया।
कुछ कर्मचारी मायूस क्यों
दरअसल यह भर्तियां उन उम्मीदवारों के लिए रेलवे ने खोली हैं, जो पहले से रेलवे में कर्मचारी हैं और यह 25% कोटे के तहत GDCE (General Departmental Competitive Exam) से भरी जानी हैं। पहले GDCE में कोई सर्विस रूल नहीं होता था, लेकिन RRCs के नोटिफिकेशन में कुछ RRCs ने 2 साल न्यूनतम सर्विस रूल लागू कर दिया है। यानी वो ही रेल कर्मचारी आवेदन कर सकता है जिसने 2 साल की सर्विस पूरी कर ली हो। इससे नई भर्ती से आए युवाओं में हताशा है। उनकी मांग है कि पहले की तरह GDCE में कोई सर्विस रूल ना लागू हो।
किन सुरक्षा कोटी(Safety Category) में होनी है भर्ती
यह भर्ती मुख्यतः ALP, विभिन्न विभागों में Technician, JE और Train Manager के लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने के लिए चलाई गई है। जिसमें वे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जो रेलवे में पहले से कार्यरत हैं। यह कर्मचारियों के लिए रेलवे के अन्तर्गत अपना विभाग और पोस्टिंग स्टेशन बदलने व प्रोमोशन पाने का एक बढ़िया अवसर होता है।
GDCE की चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया एलपी(ALP), ट्रेन मैनेजर(Train Manager) जेई (JE) और टेक्नीशियन (Technician) के लिए होनी है। अगर हम जेई, तकनीशियन और ट्रेन मैनेजर की बात करें तो सिंगल डे एग्जाम होना है, उसके बाद मेडिकल परीक्षा होगी। मेडिकल परीक्षा होने के बाद फाइनल सूची प्रदर्शित होगी। वहीं अगर ALP की बात करें तो इसमें दो एग्जाम होंगे। पहले लिखित परीक्षा होगी, जोकि बहु विकल्पीय होगी। उसके बाद साइको (Pshyco test) होगा। मेडिकल के पश्चात फाइनल मेरिट प्रदर्शित की जाएगी। अंतिम सूची में चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा। प्रशिक्षण में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारो को अंतिम पोस्टिंग दी जाएगी। हालांकि पूर्ण जानकारी RRC के द्वारा प्रकाशित नोटिफिकेशन में में प्रदर्शित की जाएगी। इसलिए उम्मीदवार को सलाह दी जाती है कि वह आवेदन करने से पहले एक बार पूर्ण नोटिफिकेशन जरूर पढ़ें।