Performing Arts Future Options : प्रदर्शन कला में भविष्य के विकल्प

प्रदर्शन कला एक ऐसा शब्द है जो किसी कला रूप को दृश्यात्मक नाटकीय प्रदर्शन के साथ जोड़ता है, जैसे संगीत, नृत्य और अभिनय सभी प्रदर्शन कला के उदाहरण हैं। प्रदर्शन कलाकार अपनी भावनाओं, अपने कंठ तथा अपने चेहरे के इंप्रेशन से अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। प्रदर्शन कला में भविष्य बनाने की चाह रखने वाले युवा संगीतकार, गायक, नर्तक और अभिनेता के रूप में करियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रतिभा और कौशल के साथ इस क्षेत्र में रुचि होना भी बहुत आवश्यक है। ग्लैमर की दुनिया का सपना देखने वालों के लिए यह बहुत ही अच्छा भविष्य का विकल्प है।

प्रदर्शन कला में चलाए जाने वाले पाठ्यक्रम

  • B.A. संगीत(वोकल)
  • B.A. संगीत(इंस्ट्रुमेंटल)
  • B.A. प्रदर्शन कला
  • थिएटर में डिप्लोमा

प्रदर्शन कला, नाटक, संगीत में पाठ्यक्रम चलाने वाले शीर्ष संस्थान

ऐसे कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय हैं जो प्रमाण पत्र स्तर, डिप्लोमा, स्नातक स्तर और मास्टर स्तर पर प्रदर्शन कला में शिक्षा प्रदान करते हैं। प्रदर्शन कला के पाठ्यक्रम छात्रों में कौशल और प्रतिभा के विकास में सहायक होते हैं। शिक्षा और विकास से परे छात्रों की स्वतंत्रता की भावना का विकास करते हैं। कला उन्हें चिंता, व्याकुलता और नकारात्मक भावनाओं को दूर करने तथा उनसे मजबूती से मुकाबला करने में मदद करती है।

  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
  • क्रिआ विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश
  • जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु
  • फ्लेम विश्वविद्यालय, पुणे
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
  • एमटी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश
  • इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
  • जूलिवार्ड स्कूल, संयुक्त राज्य अमेरिका
  • यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूजिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स ऑस्ट्रेलिया
  • रॉयल कॉलेज ऑफ म्यूजिक, यूनाइटेड किंगडम
University-of-music-and-performing-arts-australia

पात्रता (Eligibility)

जिन उम्मीदवारों को इस क्षेत्र में भविष्य बनाना है, उन्हें पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 50 से 60 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना आवश्यक है। यह स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम के लिए है। कॉलेज उन छात्रों की तलाश करता है, जिनके पास अपनी शिक्षा के साथ-साथ अन्य उपलब्धि होती है। पश्चिम के विश्वविद्यालयों से प्रेरित होकर भारत में भी बहुत से लिबरल आर्ट्स कॉलेज अब प्रोफाइल आधारित प्रवेश को अपना रहे हैं। जैसे फ्लेम विश्वविद्यालय, अशोक विश्वविद्यालय और अजीम प्रेम जी विश्वविद्यालय।

अपेक्षित कौशल

छात्रों में अपने चुने पाठ्यक्रम के विषय में सहज प्रतिभा होने के अलावा उसमें कुछ निम्नलिखित कौशल और लक्षण होने आवश्यक है जो निम्नलिखित हैं

  • समय प्रबंधन कौशल
  • संगठन कौशल
  • स्व प्रस्तुति
  • मनोरंजन उद्योग के लिए प्रतिबद्धता
  • नवीनता
  • जुनून
  • अवलोकन शक्ति
  • अभिव्यक्ति क्षमता
  • विजुआलाइजेशन कौशल
  • रचनात्मकता

विभिन्न प्रकार की प्रदर्शन कलाएं

अभिनय और रंगमंच (acting and theatre)

हम जो मनोरंजन चाहते हैं, वह एक अभिनेता द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। अभिनेता फिल्मों, टेलीविजन, थिएटर में विभिन्न पात्रों में नजर आता है, जिससे वह समाज के ऊपर एक छाप छोड़ता है। लेकिन इन सबसे अलग उस अभिनेता के बारे में पर्दे के पीछे की कड़ी मेहनत और कड़ी दिनचर्या को भी जानना चाहिए। इस प्रकार के क्षेत्र में उन्हें अपनी कला को प्रदर्शित करने के लिए गीत, संगीत, कविता, नाटक, नृत्य और भाषण का उपयोग करना पड़ता हैं।

संगीत

संगीत में गायन, मूल संगीत की रचना और वाद्ययंत्र बजाना शामिल होता है। संगीत में वे लोग आते हैं जो गाते हैं, बजाते हैं तथा धुन का निर्माण करते हैं। इसमें बहुत ही कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। कभी-कभी कुछ लोगों में ऐश्वर्य रूप से कंठ की आवाज गाने के लिए बहुत ही निपुण होती हैं।

नृत्य (dance)

नृत्य पृष्ठभूमि ध्वनि और संगीत के समन्वय में शरीर की लयबद्ध थिरकन है। नृत्य तैयार करने की कला को कोरियोग्राफी कहते हैं। कोरियोग्राफर की फिल्म उद्योग और अन्य जगह भारी मांग है। इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं हैं।

कलात्मक निर्देशक (artistic director)

कलात्मक निर्देशक किसी भी पृष्ठभूमि पर हो रहे संरचनात्मक दृश्य के लिए जिम्मेदार होता है। वही तय करता है कि किसी थिएटर या मूवी में कोई दृश्य कैसे अच्छा लगेगा और उस दृश्य में सर संरचनात्मकता लाने में अहम भूमिका निभाता हैं।

पूर्वाभ्यास डायरेक्टर

पूर्वाभ्यास निर्देशक आमतौर पर किसी कंपनी के अंदर पूर्वाभ्यास का कोआर्डिनेशन और जांच करता है। उन्हें कोरियोग्राफर के दाहिने हाथ के रूप में जाना जाता हैं।

स्टेज परफॉर्मर

प्रदर्शन कला में आमतौर पर एक घटना शामिल होती है, जिसमें कलाकार अथवा कलाकारों का समूह दर्शको के लिए कला के एक या अधिक कार्यों को प्रस्तुत करता हैं। आम भाषा में कहें तो थिएटर में या फिल्म में अभिनेता या सहायक अभिनेता के द्वारा स्टेज पर किए गए एक्ट ही स्टेज परफॉर्मेंस हैं।

नृत्य थैरेपिस्ट (dancer therapist)

नृत्य थेरेपिस्ट शरीर के बौद्धिक, भावनात्मक और अन्य कार्यों का समर्थन करने के लिए थिरकन और नृत्य का फीजियोथेरेपिक उपयोग हैं।

कला नाटक और संगीत से छात्र क्या सीखता है?

  • बेहतर शिक्षण कौशल
  • सामाजिक कौशल में वृद्धि
  • रचनात्मकता
  • अनुशासन
  • व्यापकता पर अध्ययन
  • संचार
  • टीम वर्क

औपचारिक रूप से अभिनय कैसे सीखें?

भारत में अभिनय पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए दो सबसे लोकप्रिय परीक्षाएं कराई जाती हैं। भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान (FTII) प्रवेश परीक्षा और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा(NSD) स्क्रीनिंग टेस्ट। इन परीक्षाओं के माध्यम से स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया जा सकता है। आइए कुछ लोकप्रिय पाठ्यक्रम के बारे में जानते हैं।

  • स्नातक स्तर
  • स्नातकोत्तर स्तर

लोकप्रिय स्नातक पाठ्यक्रम

  • B.A. फिल्म अध्ययन
  • B.Sc. दृश्य मीडिया
  • बैचलर ऑफ सिनेमैटोग्राफी
  • B.A. संचार डिजाइन
  • फिल्म निर्माण में बीएससी

स्नातकोत्तर कार्यक्रम या पाठ्यक्रम

  • अभिनय में बीएससी
  • सिनेमा अध्ययन में पीजी डिप्लोमा
  • सिनेमा और टेलीविजन में एमए
  • कला निर्देशन एवं विनिर्माण में डिजाइन में पीजी डिप्लोमा
  • फिल्म निर्माण में एमए
  • फीचर फिल्म एवं स्क्रीनप्ले लेखन में पीजी सर्टिफिकेट कोर्स
  • फिल्म मेकिंग में पीजी डिप्लोमा
  • इलेक्ट्रॉनिक सिनेमैटोग्राफी में पीजी डिप्लोमा
  • फिल्म एक्टिंग में पीजी डिप्लोमा
Allahbad University

संभावनाएं(opportunity)

प्रदर्शन कला में आज अपार संभावनाएं हैं, उसकी वजह है बदलता हुआ समाज और डिजिटल वर्ल्ड। आज सोशल मीडिया, यूट्यूब और इंस्टाग्राम ने प्रदर्शन कला में क्रांति ला दी है, लेकिन इनके बेसिक तत्व की जरूरत आज भी है। प्रदर्शन कला में स्नातक और परास्नातक लोगों के लिए थिएटर समूह, मनोरंजन कंपनियों, टेलीविजन के साथ-साथ फिल्म उद्योग में भी अपार संभावनाएं हैं। प्रदर्शन कला की डिग्री वाले उम्मीदवारों के लिए कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं

  • कला प्रशासक
  • प्रसारण प्रस्तुतकर्ता
  • फिल्म निर्देशक
  • अभिनेता
  • संगीतज्ञ
  • गायक
  • नर्तक
  • निर्देशक
  • निर्माता पटकथा लेखक
  • नृत्य प्रशिक्षक
  • सेट डिजाइनर
  • साउंड डिजाइनर
  • लाइट डिजाइनर
  • कोरियोग्राफर
  • नृत्य संगीत या नाटक थैरेपिस्ट

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