राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम

राष्ट्रीय त्योहारों को मनाते वक्त हमें ध्यान रखना चाहिए कि यदि सरकार के द्वारा उनके लिए कुछ दिशा-निर्देश दिए जाते हैं, तो हम उनका पालन करें। गणतंत्रता दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और शान को ध्यान में रखते हुए, इसे फहराने से संबंधित कुछ निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।

क्या ना करें

  • ध्वज को सांप्रदायिक लाभ, वस्त्र या पर्दे के रूप में प्रयोग किया नहीं जा सकता है।
  • ध्वज को आशय पूर्वक भूमि या पानी से स्पर्श नहीं किया जाना चाहिए।
  • किसी ध्वज या अन्य ध्वज पट को राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर नहीं लगाया जा सकता है।
  • राष्ट्रीय झंडा एक ही समय में किसी दूसरे झंडे या झंडो के साथ एक ही ध्वज दंड से नहीं फहराया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज को वंदनवार ध्वजपत या गुलाब के समान संरचना में उपयोग नहीं किया जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • किसी सार्वजनिक या निजी संगठन या एक शैक्षणिक संस्थान के सदस्य अथवा निजी नागरिक राष्ट्रध्वज को फहरा सकते हैं।
  • जहां तक संभव हो माैसम से प्रभावित हुए बिना इसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए।
  • राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग तथा नीचली पट्टी में हरा रंग होना चाहिए।
  • राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय या उतारते समय वहां पर उपस्थित लोग झंडे की ओर मुंह करके सावधान की स्थिति में खड़े होंगे, वर्दी पहने हुए व्यक्ति समुचित ढंग से सलामी देंगे।
  • जब भी राष्ट्रीय झंडा दूसरे झंडों के साथ फहराया जाए तो उसे सबसे दाएं और रखा जाए।

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