Facts about Condoms : कंडोम के बारे में कुछ फैक्ट नहीं जानते होंगे आप

बाजार में आज के समय तरह-तरह के कंडोम (Condom) उपलब्ध हैं। उपयोग विधि के आधार पर मोटे तौर पर दो तरह के कंडोम आते हैं।

  • इंटरनल कंडोम, जो महिला की योनि के अंदर लगाकर प्रयोग किए जाते हैं।
  • एक्सटर्नल कंडोम, जो पुरुषों के यौन अंग के ऊपर लगाकर प्रयोग किए जाते हैं।

इस पोस्ट में हमारे लेखन का मुख्य केंद्र एक्सटर्नल कंडोम हैं। तो आइए इनके विकास क्रम और आज के समय में उपलब्ध कुछ विभिन्न तरह के कंडोम के बारे में जानते हैं।

कंडोम का इतिहास

इसका इस्तेमाल 3000 B.C. से होता आ रहा है। तब कंडोम अलग-अलग प्रकार से बनाया जाता था। ऐसा माना जाता है कि इजिप्ट में सबसे पहले कंडोम का इस्तेमाल किया गया। तब कंडोम लेनन या पशुओं की खाल से बनाया जाता था। यह बहुत ही महंगे होने के कारण इन्हें मध्यमवर्गीय, उच्च मध्यमवर्ग या उच्च वर्ग ही इस्तेमाल कर पाता था।

करीब 1400 ईसवीं में गलैन कंडोम का इस्तेमाल एशियाई देशों में किया गया, जो कि लिंग के ऊपर के भाग में लगाया जाता था। इसे भी उच्च श्रेणी के लोग उपयोग कर पाते थे। चीन में गलैन कंडोम तेल से भरा तथा कभी-कभी पेड़ की लकड़ी से भी बनाया जाता था। जापान में गलैन कंडोम कछुए की खाल या अन्य पशुओं के सींग से बनाया जाता था। यह लिंग के ऊपरी भाग में लगता था और लिंग के ऊपरी भाग को ही कवर करता था। इसलिए जब इसका प्रयोग किया जाता था, तो यह गिर जाता था।

करीब 1500 ईसवी में यूरोप में सिफलिस बीमारी फैल गई। सिफलिस एक तरह का इन्फेक्शन था, जो सेक्स से फैलता था। इससे बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया था। इससे बचने के लिए लेनिन से बना कंडोम रिबन से बांधकर प्रयोग किया जाता था।

चार्ल्स गुड़ियर ने रबर के कंडोम का अविष्कार 1839 में किया। 1844 में पेटेंट करवाया, 1855 में पहला कंडोम बाजार में आया। कई बड़ी कंपनी बड़े पैमाने पर उत्पादन करने लगी थी। ज्यादा कंडोम बेचने के लिए एक ही साइज के कंडोम बनाए गए। जिसे दवा की दुकान पर बेचा गया। रबड़ के कंडोम अब तक के सबसे बढ़िया कंडोम साबित हुए लेकिन यह साइकिल की ट्यूब जितने मोटे होते थे और इनसे सल्फर की गंध आती थी।

1920 में लेटेक्स का आविष्कार हुआ। यह कंडोम रबड़ से अच्छे होते थे। तब से लेकर आज तक लेटेक्स के कंडोम का इस्तेमाल होता आ रहा है।

1937 में US के फूड एंड ड्रग्स एसोसिएशन ने कंडोम को औषधि की श्रेणी में डाल दिया तथा नियम बनाया कि इसे पैक करने से पहले इसकी जांच की जाए। उत्पादक को कुछ पैरामीटर का ध्यान रखना होगा।

1957 मैं Durex ने दुनिया के पहले लुब्रिकेटेड कंडोम का उत्पादन किया। 1980 के दशक में जब HIV काफी भयंकर रूप से फैल रहा था, तब कंडोम का खूब प्रचार प्रसार किया गया। फिर कंडोम की खपत बढ़ गई और उसी का नतीजा था कि कंडोम के अलग-अलग फ्लेवर और अलग-अलग पदार्थ के बने कंडोम उपलब्ध होने लगे।

बाजार में उपलब्ध विभिन्न तरह के कंडोम

आज के वक्त में कंडोम निर्माण के बाजार में बहुत सी कंपनियां आ चुकी हैं। अब कंडोम को पारंपरिक गर्भनिरोधक और STDs से बचाव के उपाय मात्र से आगे बढ़कर, इसे अंतरंग पलों में कुछ अलग एहसास लाने का जरिया भी बना दिया गया है। बहुत सी जानी-मानी कंपनियां जैसे Manforce, Durex, Kamasutra, Skore तरह-तरह के कंडोम बना रही हैं।

थिन/ पतले कंडोम

कुछ कपल्स कंडोम के इस्तेमाल पर इंटरकोर्स के दौरान उतना अच्छा महसूस नहीं कर पाने की शिकायत करते हैं। ऐसे में थिन कॉन्डम के जरिए सेक्स का अधिक आनंद उठा सकते हैं। यह बहुत ज्यादा पतले होते हैं, जिससे प्रयोग के समय इनका एहसास बहुत कम होता है।

रिब्ड कंडोम

रिब्ड कंडोम सेक्स इंटरकोर्स के समय उत्तेजना को बढ़ाने में मदद करता है। कंडोम आपकी उत्तेजना को बढ़ाकर अधिक सुखद अहसास प्रदान करने के काम आता है। इस कंडोम के ऊपर धारियां बनी होती हैं, जो फीमेल सहित मेल पार्टनर को अधिक उत्तेजित बनाता है।

फ्लेवर्ड कंडोम

फ्लेवर्ड कंडोम की बात करें तो फ्लेवर्ड कंडोम ओरल सेक्स के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ओरल सेक्स के लिए लेटेक्स की गंध को खत्म करने के लिए फ्लेवर्ड कंडोम में फ्लेवर की कटिंग की जाती है। नेचुरल सेक्स के दौरान भी नॉर्मल कंडोम से लेटेक्स की गंध सी आती है, यह उसका एक विकल्प है। मार्केट में कई प्रकार के फ्लेवर उपलब्ध हैं जैसे-स्ट्रौबरी, चॉकलेट, बनाना, एप्पल, वनीला, चेरी, ऑरेंज, पाइनएप्पल आदि।

ग्लो-इन-द-डार्क कंडोम

अगर आपकी सोच थोड़ी हटके है तो आप इस कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि इसको 30 सेकंड रोशनी में रखने के बाद यह कंडोम अंधेरे में चमकने लगता है। इसमें 3 लेयर की कोटिंग होती है। पहली लेयर लेटेक्स की, सेकंड लेयर पिगमेंट, थर्ड लेयर लेटेक्स की होती है। पिगमेंट की वजह से यह चमकता है।

किस ऑफ मिंट कंडोम

यह कंडोम उन लोगों के लिए परफेक्ट कॉन्डम है जो ओरल सेक्स के शौकीन होते हैं। यह गर्भावस्था की दृष्टि से सुरक्षा के लिए FDSA स्वीकृत है। यह कंडोम औसत से ज्यादा चौड़े होते हैं।

वार्मिंग कंडोम

वार्मिंग कंडोम पतले लेटेक्स के बने होते हैं। जो कि सेक्स के दौरान हाई सेंसेशन प्रदान करने के लिए मददगार साबित होते हैं। इनमें वार्मिंग लुब्रिकेंट लगा होने से सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान नेचुरल बॉडी लुब्रिकेंट एक्टिवेट हो जाता है।

डॉटेड कॉन्डम

यह कपल्स के बीच बहुत ही फेमस कॉन्डम है। इसमें थोड़े उठे हुए दाने होते हैं, जो पूरे कंडोम पर होते हैं। जो सेक्स के दौरान फीमेल पार्टनर को एक्साइट करते रहते हैं।

टिंगलिंग कंडोम

यह कंडोम में नया प्रकार का कंडोम है। यह दोनों पार्टनर को एक तेज ठंडक, नमी और झुनझुनी (vibration) का अनुभव प्रदान करता है।

यहां से खरीद सकते हैं-

नीचे हम Amazon के 1 पेज का लिंक दे रहे हैं, जहां आप विभिन्न तरह के कंडोम देख सकते हैं और खरीद सकते हैं। Amazon से ऑनलाइन खरीदने पर अधिकतर कंडोम्स सीक्रेट पैकिंग में आते हैं, इस पर यह लिखा नहीं होता कि इसमें अंदर क्या है।

अमेजॉन लिंक – Buy Condoms online


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