हाल ही में 11 जुलाई 2022 में हाइड्रोलिक ट्रेलर ओनर एसोसिएशन (Hydraulic Trailer Owners Association) की मीटिंग हुई, जिसमें केंद्रीय परिवहन मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी जी भी शामिल हुए। जिसमें उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार दिल्ली से मुंबई E Highway बनाने पर विचार कर रही है। इससे पहले दिल्ली से जयपुर ई हाईवे बनाना प्रस्तावित किया गया था। अगर दिल्ली से मुंबई के लिए ई हाईवे बनाने की योजना सफल रहती है, तो दिल्ली मुंबई हाईवे देश का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे (Electric highway) होगा।
ई-हाईवे क्या है | What is E-Highway
ई हाईवे एक ऐसे हाईवे का कांसेप्ट है, जिस पर चलने वाली गाड़ियों के लिए विद्युत सप्लाई उपलब्ध कराने की व्यवस्था रहती है। सामान्यतः किसी हाईवे पर गाड़ियां डीजल या पेट्रोल से चलती हैं। लेकिन ई हाईवे से तात्पर्य उस हाईवे से है जिस पर इलेक्ट्रिक गाड़ियां (electric vehicles) चलाने की सुविधा मिलेगी। यह अलग से एक लेन होगी जिसमें मालवाहक गाड़ियां पेट्रोल या डीजल से न चलकर बिजली से चलेंगी।
ई-हाईवे कैसे काम करता है
दुनिया भर में ई हाईवे के लिए अलग-अलग प्रकार की तकनीक विकसित की जा रही हैं। यह मुख्यतः दो तरीके से काम कर सकता है, पहला कंडक्शन मॉडल या पैंटोग्राफ मॉडल और दूसरा इंडक्शन मॉडल।
कंडक्शन या पैंटोग्राफ मॉडल | conduction or Pentograph model
इसमें इलेक्ट्रिक वाहन के ऊपर पैंटोग्राफ लगाया जाता है, जिसके माध्यम से वाहन इलेक्ट्रिक करंट इकट्ठा करता है। जिसकी सहायता से वह ऊपर लगी तार से डायरेक्ट पावर लेकर चलता है। इससे वाहन को चलाने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन में लगी बैटरी भी चार्ज की जा सकती है। पैंटोग्राफ वह उपकरण है, जिसके माध्यम से इलेक्ट्रिक तारों से बिजली लेकर वाहन को सप्लाई को दी जाएगी। रेलवे में भी पैंटोग्राफ के माध्यम से ही बिजली को इकट्ठा किया जाता है, जिससे इंजन चलता है।
इसके एक दूसरे मॉडल की भी टेस्टिंग चल रही है, जिसमें रोड के ऊपर बिजली की तार न बिछाकर सड़क में नीचे रेल बिछाई जाती है और उसके जरिए विद्युत सप्लाई दी जाती है। इसमें ट्रक या इलेक्ट्रिक वाहनों के पीछे पेंटो लगा होता है। जिसके माध्यम से वह इलेक्ट्रिक वाहनों को पावर प्रदान करता है।
इंडक्शन मॉडल | Induction Model
इस मॉडल में पैंटोग्राफ की आवश्यकता नहीं होती है। इस मॉडल में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पावर का यूज़ किया जाता है। यह मॉडल बहुत ही कम यूज किया जाता है। इस मॉडल में किसी भी वायर से गाड़ी के डायरेक्ट कांटेक्ट की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें सड़क के नीचे दबाई गई विद्युत तारों की संरचना से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के जरिए वाहन में लगी coil में voltage पैदा की जाती है।
ई हाईवे के फायदे
E-Highway के फायदे की बात करें तो
- आवाजाही पर आने वाले खर्च में भारी कमी आएगी।
- एक आंकड़े की माने तो ई हाईवे से (परिवहन खर्च) logistics cost में 70% तक कमी आएगी। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जो वस्तुएं परिवहन के कारण महंगी हैं, उनके सस्ती होने की संभावना बढ़ जाएगी।
- इसका एक और सबसे बड़ा benifit यह है की पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों से जो वायु प्रदूषण होता है, वह कम होगा। इससे कार्बन (carbon) बहुत कम पैदा होगा जो कि पर्यावरण के लिए बहुत ही अच्छा होगा।
ई हाईवे के लिए चुनौतियां
इसमें सबसे बड़ी चुनौती इंफ्रास्ट्रक्चर (infrastructure) बनाने की है क्योंकि इसका खर्च बहुत ज्यादा है और टाइम भी ज्यादा लगेगा। दूसरा वर्तमान में भारत में पेट्रोल तथा डीजल के वाहन बड़ी संख्या में हैं। जिनको इलेक्ट्रिक वाहनों से replace करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। तीसरा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इतनी बड़ी संख्या में बैटरी बनाना एक जटिल टास्क (task) है।
संदेह
ई हाईवे पर सबसे बड़ा संदेह यह है कि क्या यह माल वाहक वाहनों के लिए ही प्रयोग होगा या अन्य वाहन भी इसके ऊपर चल सकेंगे। अगर स्वीडन और जर्मनी की बात करें, तो यहां केवल मालवाहक वाहनों के लिए ही ई हाईवे प्रयोग किए जाते हैं। भारत की बात की जाए तो निजी वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना चल रही है। इस पर केंद्र सरकार बाद में स्थिति स्पष्ट करेगी।