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Electric Vehicles Sale at record High in India | भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में रिकॉर्ड इजाफा

परंपरागत इंधन पेट्रोल, गैस और डीजल के बढ़ते दामों की वजह से, सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विशेष योजनाओं से और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता की वजह से भारत में इस वित्त वर्ष इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भारी इजाफा देखने को मिला है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 3 गुना ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है।

FADA के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में 1,34,821 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में 4,29,200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो चुकी है। जो तुलनात्मक रूप में पिछले वर्ष से 3 गुना अधिक है।

ई-बाइक, ई-कार और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, सभी की बिक्री बढ़ी

टू व्हीलर सेगमेंट में बिक्री में 5 गुना का इजाफा हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा इकाइयां हीरो मोटोकॉर्प ने बेची हैं। दूसरे स्थान पर ओकीनावा ऑटोटेक आती है। तीसरे स्थान पर एम्पीयर व्हीकल्स है वहीं चौथे स्थान पर एथर एनर्जी है। 14,317 विकल्प की बिक्री के साथ बेंगलुरु की कंपनी ओला छठे स्थान पर रही है।

FADA के अनुसार इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर की बिक्री भी 2 गुना बढ़ी है।

फोर व्हीलर सेगमेंट में बिक्री 3 गुना बढ़ी है। इसमें टाटा पहले स्थान पर रही है। बाजार में टाटा की हिस्सेदारी 85% से अधिक रही है, इसके बाद एमजी मोटर्स कि 11% से अधिक हिस्सेदारी है। महिंद्रा और हुंडई की हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वहीकल बाजार में 1% से भी कम रही है।

Benifits of E-Vehicle purchase | ई वहीकल खरीद के फायदे

इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) की खरीद के कई ऐसे फायदे हैं जो इन्हें भविष्य का वाहन बनाते हैं। इनकी रनिंग और मेंटेनेंस का खर्च भी कम आता है, वहीं इनकी खरीद पर लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार भी कोशिश कर रही है। यदि आप दिल्ली के निवासी है तो हमारा लेख, इलेक्ट्रिक वाहन पर दिल्ली सरकार से सब्सिडी कैसे प्राप्त करें भी देख सकते हैं।

इलेक्ट्रिक व्हीकल थोड़े महंगे जरूर लगते हैं लेकिन इनका चलाने का खर्च कम आता है। पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने इन्हें तुलनात्मक रूप से और भी फायदेमंद बना दिया है। साथ ही इनका पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में रखरखाव का खर्च भी कम है। E-vehicles बैटरी से चलते हैं और यह प्रदूषण कंट्रोल में भी सहायक रहेंगे।

केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों को सीधे सब्सिडी दे रही है, जिससे कि वह व्यवहारिक दामों पर इलेक्ट्रिक वहीकल उपलब्ध करा सकें। इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्य सरकारें भी इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर सब्सिडी की योजनाएं ला रही हैं। इनकी खरीद पर राज्य सरकारों द्वारा रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में भी छूट दी जाती है।


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