सबसे पहले सभी देशवासियों को हमारे वैज्ञानिकों और देश की उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई।
आज चंद्रयान 3 से लैंडर विक्रम की सफलता पूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने के साथ ही भारत ने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह सभी देशवासियों के लिए गर्व का पल है।
भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता प्राप्त करने वाला विश्व का चौथा देश बन गया है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करने वाला विश्व में पहला और एकमात्र देश। ISRO सबसे कम खर्च में बड़े बड़े मिशन अंजाम देने में माहिर है।
PM मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका से ही वीडियो कॉल पर जुड़कर विक्रम की लैंडिंग का लाइव प्रसारण देखा और सफलता पर बधाई दी। उन्होंने अपने अंदाज में यह भी कहा “कभी कहा जाता था, चंदा मामा बहुत दूर के हैं। अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे की चंदा मामा बस एक टूर (Tour) के हैं।”
PM मोदी ने भारत के आने वाले समय में मंगल मिशन और गगनयान के जरिए मानव मिशन के लिए प्रयासों का भी जिक्र किया।
मिशन पृथ्वी के 14 और चांद के 1 दिन के बराबर चलेगा
चंद्रमा पर एक दिन हमारे 14 दिन के बराबर होता है। पृथ्वी के अनुसार कहें तो वहां 14 दिन तक दिन और 14 दिन तक रात रहती है। एक तो लैंडर और रोवर को कार्य करने के लिए जो ऊर्जा चाहिए, वो उन्हें सौर ऊर्जा से मिलेगी। दूसरा रात में वहां का तापमान शून्य से 100 डिग्री नीचे तक चला जाता है, जिससे ऊर्जा न होने के कारण बंद उपकरण इतने कम तापमान pr khrab ho जायेंगे। इसलिए ऐसे में मिशन दिन के समय में ही संभव है।
चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव है खास
चंद्रमा पर हमसे पहले अमेरिका, रूस और चीन सफल मिशन कर चुके हैं लेकिन, अब तक चंद्रमा पर उतरे सभी स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा के भूमध्य रेखीय क्षेत्र के आस पास उतरे हैं। चंद्रमा का ध्रुवीय क्षेत्र इससे काफी अलग है। यहां पर कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जहां सूरज का प्रकाश नहीं पहुंचता और इसीलिए तापमान शून्य से 200 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है। अनुमान है की ऐसे क्षेत्र में बर्फ के रूप में जमा पानी के मिलने की संभावना अधिक है।