अपडेट : इसरो/ ISRO द्वारा चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग के लिए सीधा प्रसारण शुरू कर दिया गया है।
आज, यानी 23 अगस्त 2023 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम की चांद पर लैंडिंग का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
इसी सप्ताह रूस का चंद्रमा मिशन Luna चांद पर सफल सॉफ्ट Landing नहीं कर पाया और मिशन असफल हो गया। ऐसे में चंद्रयान की लैंडिंग को लेकर और भी उत्सुकता बढ़ गई है। भारत के चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और रोवर (प्रज्ञान) को चांद की सतह पर लैंड करते हुए देखना रोमांचक होगा। इस मिशन के सफल होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा।
कैसे देखें चंद्रायान-3 की लैंडिंग
इसरो (ISRO) द्वारा चंद्रयान की लैंडिंग को लाइव (live) दूरदर्शन, इसरो की वेबसाइट और youtube चैनल पर दिखाया जायेगा। ISRO का ऑफिशियल यूट्यूब चैनल ‘ISRO official’ के नाम से है। इसका यूट्यूब हैंडल @isroofficial5866 है।
आप इसरो के यूट्यूब चैनल पर जाकर इसके लाइव सेक्शन में जायेंगे तो आपको सबसे ऊपर चंद्रयान 3 की लाइव लैंडिंग का वीडियो मिलेगा। और इसी सेक्शन में आपको चंद्रयान का लाइव लॉन्च (Launch) का वीडियो भी मिल जायेगा।
लैंडिंग का समय
चंद्रायान 3 चांद की सतह पर 23 अगस्त 2023, भारतीय समय अनुसार शाम को करीब 6:00 (6:04) बजे लैंड करेगा। इसके सीधे प्रसारण का समय इसरो द्वारा शाम 5:23 से दिया गया है।
लैंडिंग साउथ पोल पर क्यों कराई जा रही है?
चंद्रमा का ध्रुवीय क्षेत्र बाकी के क्षेत्रों से काफी अलग है। यहां कुछ क्षेत्र ऐसा है जहां सूर्य की रोशनी कभी नहीं पहुंचती। ऐसे हिस्सों में तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। वाज्ञानिकों का अनुमान है की यहां पर बर्फ के रूप में पानी हो सकता है।
भारत ने 2008 में चंद्रयान 1 मिशन भेजा था। जिसमें लैंडर और रोवर नहीं थे, सिर्फ ऑर्बिटर था और इंपैक्ट प्रोब था। इंपैक्ट प्रोब ऑर्बिटर से अलग होकर चंद्रमा पर क्रैश लैंडिंग के लिए होता है, क्रैश होने से पहले ही उससे काफी गणनाएं और जानकारी मिल जाती है। उस मिशन से चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के संकेत मिले थे।
साउथ पोल पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग अभी तक नहीं हो सकी
अभी तक चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग का कारनामा सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन कर पाए हैं। भारत का पिछला प्रयास चंद्रयान 2 इसमें असफल रहा था। उस वक्त लैंडर की क्रैश लैंडिंग हुई थी।
अगर भारत इस बार सफल रहा तो दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश होगा। अभी तक किसी ने भी चांद के इस क्षेत्र में सफल लैंडिंग नहीं की।