आज अधिकतम लोगों के घरों में इनवर्टर लगे हैं। हम लोग इनवर्टर (Inverter) और बैटरी (Battery) खरीदते समय बहुत सावधानी रखते हैं और अच्छे से अच्छा सेट (set) खरीदने की कोशिश करते हैं। लेकिन एक बार इनवर्टर लगाकर, अक्सर उसके रखरखाव पर हम ध्यान नहीं देते। यदि हम अपने इनवर्टर और बैटरी का नियमित रखरखाव व साफ सफाई रखें तो इनकी उम्र बढ़ जाती है।
इस पोस्ट में मैं आपको इनवर्टर व बैटरी, दोनों के नियमित और बेहतरीन मेंटेनेंस (maintenance) का तरीका बता रहा हूं। यह टिप्स (tips) फॉलो करके आप रेगुलर मेंटेनेंस करें तो आपके उपकरण अधिक लंबे समय तक खराब नहीं होंगे।
- यह कार्य विद्युत (electricity) से संबंधित है इसलिए सावधानियां रखना जरूरी है।
- पैरों में चप्पल या जूते अवश्य पहन कर रखें। आपके हाथ या पैर गीले ना हों।
- किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए इनवर्टर को बंद (switch off) कर दें व इनवर्टर की मेन सप्लाई (main supply) भी बंद कर दें।
- इनवर्टर और बैटरी को रखने के लिए स्थान सामान्य नियमों के अनुकूल होना सुनिश्चित करें।
- इन्हें ऐसे स्थान पर व्यवस्थित करें जहां सीधी धूप न पडती हो।
- इनवर्टर व बैटरी उपयोग के दौरान गर्म होते हैं, इसलिए इन्हें थोड़ी खुली और हवादार जगह की जरूरत होती है।
- बैटरी से कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, इसलिए भी इसे वेंटिलेशन (ventilation) की जरूरत होती है।
- इनवर्टर और बैटरी को सूखी, नमी रहित, हवादार जगह पर रखें और इनके आस पास कोई उष्मा का स्रोत (heat source) न हो।
बैटरी की नियमित जांच और मेंटेनेंस | Regular inspection & maintenance of battery
बैटरी के नियमित रखरखाव में साफ सफाई, टर्मिनल की सफाई, पानी का लेवल चेक करना आदि शामिल है। यदि बैटरी पर धूल जमा है, टर्मिनल पर जंग या नीला लगा है या फिर बैटरी में पानी का लेवल कम है, तो समझिए बैटरी को मेंटेनेंस की आवश्यकता है। वैसे आप कम समय में बैटरी की जरूरत के अनुसार सिर्फ जरूरी मेंटेनेंस कर सकते हैं। जैसे यदि धूल जमा है तो साफ कर दें, पानी कम है तो पानी डाल दें या टर्मिनल पर जंग लगी है तो टर्मिनल साफ करके उन पर पेट्रोलियम जेली (petroleum jelly) या वैसलीन लगा दें। फिर भी आपको बीच-बीच में बैटरी की पूरी मेंटेनेंस करनी चाहिए।
Battery Maintenance Tips
बैटरी की जांच और मेंटेनेंस की सरल और पूरी प्रक्रिया मैं आपको नीचे बता रहा हूं, जिसे आप स्टेप बाय स्टेप (step by step) फॉलो कर सकते हैं।
- किसी सूखे कपड़े से बैटरी के ऊपर जमा धूल मिट्टी को अच्छी तरह साफ करें।
- कपड़ा सूखा ही इस्तेमाल करें, इसके साथ अपनी सुविधा के लिए आप पेंट ब्रश, पुराने टूथब्रश और हवा मारने वाले किसी ब्लॉअर अदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बैटरी की सफाई के लिए पानी का प्रयोग ना करें।
बैटरी का वाटर लेवल चेक करके पानी डालना | Checking and topping up water level in battery
- इसके बाद बैटरी में लगे वाॅटर लेवल इंडिकेटर (indicator) को चेक करें। सभी इंडिकेटर में मैक्सिमम (max) और मिनिमम (min) का निशान होता है, इसके लिए अधिकतर हरे और लाल रंग का निशान लगा होता है।
- यदि किसी सेल (cell) में पानी कम है, अर्थात इंडिकेटर लाल निशान के पास है, तो उसमें आसुत जल (distilled water) डालना है।
- जब बैटरी पूरी तरह डिस्चार्ज हो तब उसमें पानी ना डालें।
- बैटरी के इंडिकेटर या ढक्कन खोलते वक्त थोड़ी सावधानी रखें। इनसे आपके कपड़ों पर तेजाब (acid) के छींटे लग सकते हैं, जिससे कपड़े खराब होकर फट जाते हैं।
- बैटरी के जिन सेल में पानी कम है, उनमें इतना पानी डालें की इंडिकेटर हरे निशान के पास पहुंच जाए। ध्यान रहे इंडिकेटर हरे निशान के ऊपर नहीं जाना चाहिए।
- यदि बैटरी में पानी ज्यादा कम है तो एक बार में अधिक पानी ना डालें। आधे लेवल तक पानी अब डाल दें और 4 से 5 दिन बाद दोबारा पानी डाल लें।
- बैटरी में पानी डालने के लिए केवल डिस्टिल्ड वाटर (distilled water) का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए तेजाब या सामान्य जल का प्रयोग ना करें। डिस्टिल्ड वॉटर बैटरी वाली दुकानों या पेट्रोल पंप से मिल जाता है।
- बैटरी में पानी का स्तर बताने वाले सभी इंडिकेटर में बैटरी के अंदर से गैस बाहर निकलने के लिए रास्ता (gas vent/passage) होता है। यदि यह रास्ता, कार्बन या नीला लगकर बंद है तो इसको टूथब्रश आदि की सहायता से धीरे से साफ कर दें।
- वाटर लेवल (water level) इंडिकेटर और बैटरी के ढक्कन खुले ना छोड़ें और इनको बहुत अधिक टाइट भी ना करें।
- बैटरी में पानी का लेवल टॉप अप करने के बाद सूखे कपड़े से अच्छी तरह बैटरी को साफ कर दें।
बैटरी के टर्मिनल की सफाई | Cleaning of battery terminals
- इसके बाद बारी आती है बैटरी के टर्मिनल्स (terminals) की देखभाल और मेंटेनेंस की।
- यदि बैटरी के टर्मिनल और टर्मिनल पर लगने वाले नट बोल्ट (nut-bolt) आदि पर जंग लगी है या कार्बन जमा है तो इसको साफ करना है।
- बैटरी के टर्मिनल (terminal) से इनवर्टर के तार डिस्कनेक्ट करके अलग कर लें।
- जंग की सफाई के लिए थोड़े से पानी में बेकिंग सोडा (खाने का सोडा) मिलाकर, पुराने टूथब्रश की सहायता से रगड़ कर साफ़ कर सकते हैं। बाद में सूखे कपड़े से अच्छी तरह रगड़ कर साफ़ कर दें।
- यदि टर्मिनल और कनेक्टर (connector) नट-बोल्ट आदि साफ है, तो भी इनको किसी सूखे कपड़े से रगड़ कर अच्छी तरह साफ कर लें।
- भविष्य में इनको जंग आदि से बचाने के लिए टर्मिनल और टर्मिनल पर लगने वाले नट बोल्ट पर थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली या वैसलीन (vaseline) लगा लें।
- इस तरह अच्छे से मेंटेनेंस करने के बाद बैटरी को इनवर्टर से कनेक्ट कर दें। बैटरी के टर्मिनल पर इनवर्टर के तार लगाते समय ध्यान रखें की पॉजिटिव तार positive terminal (+) पर व नेगेटिव तार negative terminal (-) पर ही लगाएं।
FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बैटरी के मेंटेनेंस की जरूरत का अंदाजा आपको बैटरी को देखकर लगाना चाहिए। यदि बैटरी पर धूल मिट्टी जमा है, टर्मिनल पर जंग लगी है या बैटरी में पानी का लेवल कम है, तो बैटरी का मेंटेनेंस करना चाहिए। सामान्यतः महीने में एक बार बैटरी का maintenance कर लेना चाहिए। इनवर्टर की बैटरी जितनी ज्यादा पुरानी होती जाती है, उसको उतने अधिक मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है।
बैटरी में कौन-कौन सा पानी डाल सकते हैं?
बैटरी में केवल डिस्टिल्ड वॉटर (Distilled water) ही डालना चाहिए। इसके अलावा किसी भी तरह का पानी नहीं डालना चाहिए। सामान्य जल, उबला हुआ पानी या RO का पानी बैटरी के लिए सही नहीं रहता। Distilled water बाजार में इनवर्टर बैटरी वाली दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। यह बहुत मंहगा नहीं होता।
डिस्टिल्ड वाटर क्या है?
डिस्टिल्ड वॉटर या आसुत जल पानी का सबसे शुद्ध रूप है। इसमें किसी भी तरह की अशुद्धियां जैसे कैमिकल, मिनरल्स, आयन आदि भी नहीं होते। डिस्टिल्ड वॉटर, सामान्य पानी को उबाल कर और उसकी भाप को दूसरे बर्तन में ठंडा करके बनाया जाता है। यह पीने के लिए उपयोग नहीं किया जाता।
नहीं, इनवर्टर की बैटरी (battery) में डिस्टिल्ड वॉटर के अलावा किसी भी प्रकार का पानी नहीं डालना चाहिए। बारिश के पानी में भी वातावरण से मिली हुई अशुद्धियां हो सकती हैं। बैटरी के लिए किसी भी तरह की अशुद्धि, धूल के कण, आयन, मिनरल्स आदि सही नहीं होते। इनसे बैटरी की कार्यक्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
बैटरी की ग्रैविटी कितनी होनी चाहिए?
बैटरी की ग्रैविटी 1180 से 1240 होनी चाहिए। चार्जिंग के साथ ग्रैविटी कुछ कम – ज्यादा होती है। लेकिन सामान्य तौर पर स्पेसिफिक ग्रैविटी 1220 के आसपास होनी चाहिए। बैटरी की specific gravity चेक करने के लिए हाइड्रोमीटर का उपयोग किया जाता है।